क्या हो तुम
मुझे मरहम की तलाश नही,
मेरे हर मर्ज की दवा हो तुम,
मेरी ज़िन्दगी की कहानी के,
हर एक किस्से मे हो तुम,
वाकिफ हो मेरे ख्याल से,
मुझमें रूह के मानिंद बस्ती हो तुम,
बारीश मे भीगे होंठो की प्यास हो तुम,
गर्मी के मौसम मे बिन बादल बरसात सी हो तुम,
मेरे हर खयाल मे हो,
मेरे हर अल्फ़ाज़ मे हो तुम,
बिन तुम ये ज़िन्दगी कैसी है क्या बताऊँ,
जैसे एक अधूरी किताब हु मे,
अब इन अल्फाज़ो से क्या बताऊँ
मैं तुम्हे के मेरे लिए क्या हो तुम,
जैसे मैं ताल तो उसकी लय हो तुम
कोई किस्सा कोई कहानी नही,
मेरे हर नक्श पर क़ायम एक खूबसूरत तस्वीर हो तुम।।।
सिर्फ तुम
और
सिर्फ तुम्हारा मैं…!!!!
Ashish Aggarwal (APB)