देखी है।।
तेरी आँखों मे मैंने जलाल देखा है,
जिसका कोई जवाब नही वो सवाल देखा है।
तेरी नज़रो में मैन एक प्यास देखीं है,
जो कभी खत्म ना हो वो तलाश देखी है।
तेरे हाथ की मेहँदी जब से लाल देखी है,
मोहब्बत हमने अपनी भी कमाल देखी है।
जब से तेरी पायलों की छन छन देखी,
उठती गिरतीं दिलो की धड़कन देखी है।
मैंने जब से तेरी अदाएं देखी है,
अपने दिल से निकलती सदाएँ देखी है।
मैंने जब से तेरे चेहरे पर ये गम देखा है,
हर पल निकलता अपना दम देखा है।
मैंने तेरी आँखों मे जब से नमी देखी है,
हर सू ज़िन्दगी में कुछ कमी देखी है।
तेरी आँखों मे एक इंतज़ार देखा है,
तेरो खामोशी में भी इज़हार देखा है।
मैंने तेरे लबों पर हमेशा एक इनकार देखा है,
फिर भी तेरे दिल पर अपना ही इख़्तियार देखा है
Ashish Aggarwal (APB)✍️✍️
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