Ek khawaab ek khawahish

Reviews plz...

* एक ख़्वाहिश *

ऐसी कोई रात न हो,
जिसमे तू मेरे साथ न हो,

ऐसा कोई सवेरा न हो,
जिसमे तू मेरा न हो,

ऐसी कोई धड़कन नही,
जिसमे तेरा नाम न हो,

ऐसा कोई मयकदा नही,
जिसमे तेरा जाम न हो,

ऐसी कोई कहानी नही,
जिसमे तेरा किस्सा न हो,

ऐसा कोई पल नही,
जिसमे तेरा हिस्सा न हो,

मेरा ख्याल थी के ख्वाब थी,
मेरी ज़िंदगी का हिसाब थी,
 
मुझसे दूर थी के पास थी,
एक प्यासे की तू प्यास थी,

तू मंज़िल थी के सफर थी,
कैसी इश्क़ की ये डगर थी,

वो हुस्न था के शबाब था,
मेरी ज़िंदगी का मेहताब था,

मैं आवारगी की हद थी,
उसकी मशरूफियत बेहद थी,

वो निगाह थी के नज़र थी,
जिसमे मेरी ज़िन्दगी की बसर थी,

वो हुस्न का वो जाम था,
जिसकी नज़र मे मैं आम था,

उसकी निगाह मे वो नशा था,
जिसमे मेरी ख्वाहिशो का कहकशां था,

मैं ज़िन्दगी का सवाल था,
वो जवाब एक बेमिसाल था,

To be continued.....

Ashish Aggarwal (APB)✍️✍️

Comments

Popular posts from this blog

RELIGION FREE INDIA

love you and Miss you

UNCONTROLLABLE ECSTASY OF LOVE